संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के नाम छ: सूत्री मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा

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मऊ-संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के राज्यव्यापी आह्वान पर बिजली बिल 2020/ 2022 व एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर जिले के किसान/मजदूर संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के नाम 6 सूत्री मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा। बिजली बिल 2022 की प्रतियों को भी जलाया।
लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि किसान आंदोलन के वापसी के समय मोदी सरकार ने किसानों से लिखकर वादा किया था कि बिजली बिल सदन में नहीं रखा जाएगा इसे वापस कर लिया जाएगा तथा एमएससी पर कानून बनाया जाएगा,इसी तरह उत्तर प्रदेश की विधानसभा चुनाव में योगी सरकार ने जनता से वादा किया था कि बिजली बील आध किया जाएगा और ट्यूबवेल का बिल माफ किया जाएगा। लेकिन मोदी-योगी सरकार अपने वादे से पीछे हटते हुए किसानों के साथ धोखा कर रही है,संसद से बिजली बील पास करा रही है।तथा बिजली का निजीकरण कर रही है,
कारपोरेट पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए कृषि कानून से पीछे हटी मोदी सरकार चोर दरवाजे से कृषि कानूनों को किसानों पर लाद रही है, पूरा उत्तर प्रदेश सुखे के चपेट में है किसानों को मदद-मुआवजा देने के बजाय योगी सरकार किसानो ट्यूबेल पर मीटर लगाकर आर्थिक बोझ लाद रही हैं।
देश बढती मंहगाई , बेरोजगारी, बदहाल अर्थव्यवस्था, से परेशान है, दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि तिरंगा फहराना जरुरी है, देशप्रेम आपसी भाई-चारे सुख-दुख: बाटने से बढ़ता है कि नफरत बांटने से।
प्रदर्शन प्रमुख रुप से रामकुमार भारती, सरोज सिंह बसंत कुमार ,गुफरान अहमद, राम जी सिंह, देवेंद्र प्रसाद मिश्रा,शेख हिसामुद्दीन, रामू प्रसाद, शैलेन्द्र कुमार,शिव मूरत गुप्ता,राम नारायण सिंह मदन लाल श्रीवास्तव, संजीव, त्रिभुवन शर्मा, राम नवल सिंह, जितेंद्र राजभर ,मुन्ना यादव ,रामप्यारे गौतम ,जमील अहमद, सुभाष चक्रदेवा ,जयप्रकाश ,रामबली ,फेकू राजभर बृजभूषण सिंह पप्पू, अमरावती ,साधु यादव ,विजय, गोकुल रामबदन ,श्याम देव आदि शामिल रहे।